हर समाज की पहचान होती है – उसके मूल्यों से, उसकी परंपराओं से और सबसे ज़्यादा — उसके लोगों से। और जब लोग आगे आकर अपने समाज के लिए कुछ करते हैं, तो वह प्रयास सिर्फ काम नहीं, एक संघर्ष से उपजी साधना बन जाता है।
आज मैं आपके सामने इस पोर्टल के माध्यम से अपनी सेवा प्रस्तुत कर रहा हूँ — नये रूप में, लेकिन पुराने संकल्प के साथ।
पिछले 15 वर्षों से मैं वेबसाइट डिज़ाइन और समाजसेवा के संगम पर कार्य करता रहा हूँ।
- मेरी पहली कोशिश थी "bhargavasaathphere.com" — रिश्तों को जोड़ने वाला एक प्रयास।
- इसके बाद समाज के लिए अनेक पदों पर कार्य करते हुए कई वेबसाइट परियोजनाओं का निर्माण, संयोजन और संचालन किया।
- मेरी सेवाओं को अनेक सम्मानों और पुरस्कारों से भी नवाज़ा गया, जो आपके विश्वास का प्रतीक रहे हैं।
- सबसे गर्व की बात — जोधपुर अधिवेशन के दौरान रिकॉर्ड 4800 फोटो ID कार्ड बनाकर समाज के इतिहास में एक डिजिटल मील का पत्थर रखा।
- मेरे द्वारा त्योहारों पर घर-घर में लगाए जाने वाले सुंदर कलरफुल अलंकरण (मांडने) बनाये गए जो इतने प्रसिद्ध हुए आज भी उनका प्रयोग किया जा रहा हैं और उनकी नक़ल करके अपने नाम से समाज में वितरण किया जा रहा हैं
- मैंने आदरणीय राजीव भार्गव , जयपुर के अपने स्वर्गीय माता पिता की याद में एक पुस्तक का संकलन भी किया है, जिसमें व्रत कथा, भजन, आरती और विभिन्न संस्कारों का विस्तृत एवं बेजोड़ संग्रह मौजूद है। इस संग्रह ने हमारी सांस्कृतिक धरोहर को संरक्षित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है और समाज के प्रत्येक सदस्य को अपने संस्कारों से जोड़ने का माध्यम प्रदान किया है।
अब एक बार फिर... बिना किसी पद या उपाधि के, व्यक्तिगत रूप से — सिर्फ समाज के लिए, आपकी सेवा में हूँ। इस पोर्टल के माध्यम से हमारा प्रयास है:
- इतिहास से लेकर आधुनिकता तक
- महापुरुषों की गाथा से लेकर आज की प्रतिभाओं तक
- शोक-संदेश से लेकर उत्सवों की जानकारी तक
- और सबसे अहम — समाज को एकसूत्र में जोड़ने वाली डायरेक्टरी तक सब कुछ एक ही छत के नीचे लाया जाए।
आपका सहयोग, आपकी सक्रिय भागीदारी ही इस प्रयास की सबसे बड़ी पूँजी है।
आइये, हम सब मिलकर एक संयुक्त, सशक्त और डिजिटल भार्गव समाज का निर्माण करें —
जहां तकनीक और परंपरा एक-दूसरे की पूरक बनें।
कलम उठी है तो सिर्फ़ नाम करने को नहीं,
समर्पण है ये, समाज को सलाम करने को है...
ना शोहरत की तमन्ना, ना इनाम की चाह,
बस समाज की सेवा ही है मेरी सच्ची राह
सादर,
एडवोकेट अनिल भार्गव (आर ऍफ़ सी )
समर्पित – समाज, संस्कृति और संवाद को।